जवानी के दिन!

एक बार एक दादा - दादी ने जवानी के दिनों को याद करने का फैसला किया।

अगले दिन दादा फूल ले कर वहीँ पहुंचा जहां वो जवानी में मिला करते थे, वहां खड़े-खड़े दादा के पैरों में दर्द हो गया लेकिन दादी नहीं आयी।

घर जा कर दादा गुस्से से, "आयी क्यों नहीं"?

दादी शर्माते हुए, " मम्मी ने आने नहीं दिया"।

Share this:

    Blogger Comment
    Facebook Comment