भगवान से भी धोखा!
एक आदमी कश्ती से कहीं जा रहा था कि अचानक एक ज़ोरदार तूफ़ान की वजह से उसकी कश्ती पलट गयी। उसे तैरना नहीं आता था। वो प्रार्थना करने लगा, "भगवान अगर तुम मुझे बचा लिया तो मैं गरीबों में 21 किलो लड्डू बाटूंगा।"
फिर ज़ोर से हवा चली और एक बड़ी से लहर के साथ एक लकड़ी की शाख आई और उसने उसका सहारा लेकर तैरने लग गया और चिल्लाया, "कौन से लड्डू, कैसे लड्डू?"
फिर ज़ोर से एक लहर आई और उसने आदमी के साथ से लकड़ी छुड़वा दी।
आदमी: मैं तो पूछ रहा हूँ कौन से लड्डू, बेसन के या बूंदी के?
फिर ज़ोर से हवा चली और एक बड़ी से लहर के साथ एक लकड़ी की शाख आई और उसने उसका सहारा लेकर तैरने लग गया और चिल्लाया, "कौन से लड्डू, कैसे लड्डू?"
फिर ज़ोर से एक लहर आई और उसने आदमी के साथ से लकड़ी छुड़वा दी।
आदमी: मैं तो पूछ रहा हूँ कौन से लड्डू, बेसन के या बूंदी के?
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