हर अच्छी लगने वाली चीज

जरूरी नहीं की हर अच्छी लगने वाली चीज समझ में भी आये
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जिहाल-ए -मस्ती मुकुन बरंजिश ,
बेहाल-ए-हिजरा बेचारा दिल है
आज तक समझ नहीं आया

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